किसानों के लिए 'हीरा' साबित हो रहा जीरा, इसकी खेती से बन सकते हैं लखपति, बुवाई से लेकर कमाई तक जानें सबकुछ
Jeera Cultivation: नए साल में जीरे (Cummin Seed) के वायदा भाव में तूफानी तेजी आई है. कमोडिटीज बाजार में जीरा का वायदा भाव 33,000 रुपये प्रति क्विंटल के पार हो गया. ऐसे में कमाई के लिहाज से जीरा (Jeera) काफी फायदेमंद साबित हो सकता है.
जीरे का उपयोग इत्र में और अलग-अलग प्रकार के व्यंजनों में फ्लेवर एजेंट के रूप में किया जाता है. (File Photo)
जीरे का उपयोग इत्र में और अलग-अलग प्रकार के व्यंजनों में फ्लेवर एजेंट के रूप में किया जाता है. (File Photo)
Jeera Cultivation: जीरा Apiaceae फैमिली का एक पुष्पीय पौधा है. जीरे का उपयोग इत्र में और अलग-अलग प्रकार के व्यंजनों में फ्लेवर एजेंट के रूप में किया जाता है. नए साल में जीरे (Cummin Seed) के वायदा भाव में तूफानी तेजी आई है. कमोडिटीज बाजार में जीरा का वायदा भाव 33,000 रुपये प्रति क्विंटल के पार हो गया. ऐसे में कमाई के लिहाज से जीरा (Jeera) काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. जीरे की बेहतर किस्मों की बुवाई से किसान लाखों में कमाई कर सकते हैं.
जीरे का पौधा लगभग 30 डिग्री के तापमान में सूखी रेतीली दोमट मिट्टी पर पनपता है. जीरे की फसल को पकने में लगभग 110-115 दिन लगते हैं. गुजरात में उंझा देश में जीरा का प्रमुख व्यापारिक केंद्र है. पौधे की ऊंचाई 15 से 50 सेमी होता है. इसका फल व्यावसायिक महत्व का है और यह 3-6 मिमी लंबा होता है. भारत में जीरा अक्टूबर से नवंबर तक बोया जाता है और फरवरी में काटा जाता है. ताजा फसल आम तौर पर मार्च के दौरान बाजारों में पहुंचती है.
ये भी पढ़ें- 2023 में LIC के शेयर में आएगी तूफानी तेजी, Kotak सिक्योरिटीज ने दी Buy की सलाह, चेक करें टारगेट
जीरे की बेहतर किस्में
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
इंट्राडे में तुरंत खरीद लें ये स्टॉक्स! कमाई के लिए एक्सपर्ट ने चुने बढ़िया और दमदार शेयर, जानें टारगेट और Stop Loss
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
टूटते बाजार में Navratna PSU के लिए आई गुड न्यूज, ₹202 करोड़ का मिला ऑर्डर, सालभर में दिया 96% रिटर्न
TATA Group के इस स्टॉक से गिरते बाजार में भी होगी तगड़ी कमाई! शॉर्ट टर्म में खरीदारी का नोट करें टारगेट
जीरे की बेहतर किस्में आरजेड 19 और 209, आरजेड 223 और जीसी 1-2-3 हैं. इन किस्मों की पकने की अवधि 120-125 दिन है. इन किस्मों की औसतन उपज प्रति हेक्टेयर 510 से 530 किलोग्राम है. किसान इनमें से किसी एक किस्म का चयन कर बुवाई कर सकते हैं.
जीरे को उखटा रोग से बचाने के उपाय
जीरे में उखटा रोग से किसान ट्राइकोडर्मा का उपयोग कर इस रोग से अपनी फसल को बचा सकते हैं. इसके लिए दो उपाय करें. ढाई किलो ट्राइकोडर्मा पाउडर को 50-100 किलोग्राम अच्छी सड़ी गोबर की खाद में मिलाकर 15 दिन तक नम और छायादार स्थान में रखें, उसके बाद बुवाई से पूर्व अंतिम जुताई के समय खेत में मिलायें. यह मिश्रण एक हेक्टेयर के लिए पर्याप्त है. बीज को 6 ग्राम ट्राइकोडर्मा प्रति किलो बीज के हिसाब से उपचारित करके बोयें.
ये भी पढ़ें- Goat Farming: शुरू करिए बकरी पालन का बिजनेस, सरकार भी करेगी मदद, जानिए सभी जरूरी बातें
कैसे करें खेती
जीरे की खेती शुरू करने से पहले खेतों में क्यारी बना लें. फिर उसमें बीज का छिड़क कर दें. बीज छिड़काव के बाद बीजों को मिट्टी से मिला दें ताकि बीजों पर मिट्टी की हल्की परत चढ़ जाए. मिट्टी की परत एक सेंटीमीटर से ज्यादा मोटी नहीं होनी चाहिए. खाद डालकर सिंचाई करें.
जीरे से कितनी हो सकती है कमाई
आपको बता दें कि देश का 80% से अधिक जीरा गुजरात के ऊंझा और राजस्थान में उगाया जाता है. एक हेक्टेयर में करीब 7-8 क्विंटल जीरे की उपज हो जाती है. जीरे की खेती में लगभग 35,000 रुपये प्रति हेक्टयर का खर्च आता है. जीरे का भाव 33,000 रुपये प्रति क्विंटल है. इस हिसाब से एक हेक्टेयर में इसकी खेती से 2.30 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है.
ये भी पढ़ें- RBI को इन 3 बैंकों पर है सबसे ज्यादा भरोसा, कभी नहीं डूबेगा आपका पैसा
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
01:59 PM IST